Welcome to Sonidhapa Khandewal Balika Inter College
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सोनीघापा खण्डेलवाल बालिका इण्टर कालेज की नीव 1964 में पड़ी और 1966 में इस को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त हो गयी। लेकिन अभी यह विद्यालय अपनी शैशवावस्था में था | इसे केवल हाई स्कूल तक की मान्यता थी और विषय थे हिन्दी, संस्कृत, गृह विज्ञान, गणित, उर्दू, इतिहास, भूगोल, नागरिक शास्त्र अर्थ शास्त्र अंग्रेजी, संगीत, गायन, चित्र कला, आलेखन विज्ञान, समाजिक विज्ञान एवं शारीरिक शिक्षा | केवल तीन वर्ष बाद 1969 में इसे इन्टर मीडिएट की मान्यता प्राप्त हो गयी। साथ ही साथ विषय की मान्यता भी इसे इतनी मिल गयी कि छात्राओं को कोई परेशानी नहीं उठानी पड़ी और अपना मन चाहा विषय लेकर पठन पाठन का कार्य कर सकने में सक्षम रही। विषय जिनकी मान्यता मिली वह इस प्रकार है। हिन्दी, संस्कृत गृह विज्ञान, गणित, उर्दू, इतिहास, भूगोल, नागरिक शास्त्र, अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, संगीत, गायन, चित्र कला, आलेखन, विज्ञान, समाजिक विज्ञान एवं शारीरिक शिक्षा |
इस अवस्था में बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यक्ता होती है। और यह कार्य सोनीघापा खण्डेलवाल बालिका इण्टर कालेज की शिक्षिकाएं बढ़ी अच्छी तरह करती है। यहां की छात्राएं समाज में जाकर इस विद्यालय का नाम रोशन करती है। यह अपने आप में एक अनूठा कार्य है।
विज्ञान वर्ग की मान्यता वित्तविहीन है। मगर कुशल अध्यापकों की वजह से वर्ग में छात्राओं की संख्या अच्छी खासी रहती है और बोर्ड परीक्षा के परिणाम भी शत प्रतिशत रहते है। आज का युग वैज्ञानिक युग है। विज्ञान के प्रति छात्राओं का रुझान अधिक रहता है। अतः Coeducation जो नहीं पढ़ना चाहते हैं उनके लिए यह विद्यालय एक वरदान है। इस के अतिरिक्त समय की मांग को देखते हुए यहां कम्प्यूटर की शिक्षा भी बच्चों को दी जाती है। कम्प्यूटर तो अब जीवन के हर क्षेत्र में काम करने लगा है। बिजली का बिल आन लाइन जमा 1 होता है। हर परीक्षा का फार्म आन लाइन भरना है। जितनी भी प्रतियोगिताएं होती हैं. इन्टरनेट से जुड़ी रहती है और सभी सूचनाएं इसी से प्राप्त होती हैं। ऐसे में कम्प्यूटर का ज्ञान होना अब आवश्यक हो गया है। इस आवश्यक्ता को देखते हुए यहां कम्प्यूटर की शिक्षा भी बच्चों को दी जाती है। इस तरह अगर देखा जाए तो यह विद्यालय बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक है।
अत्यन्त हर्ष का विषय है कि वर्तमान में प्रियदर्शिनी शकुन्तला खण्डेलवाल विद्यालय की प्रबन्धक हैं जो महिला समस्याओं की संवेदनशीलता को समझते हुए विद्यालय को उन्नति के पथ पर ले जा रही है। 2013 में विद्यालय की प्रबन्धक बनने के बाद इन्होंने ही विद्यालय में छात्राओं को कम्प्यूटर की शिक्षा के लिए कम्प्यूटर कक्ष का प्रबन्ध कर सरकार से 10 कम्प्यूटर उपलब्ध कराया, जिससे कम्प्यूटर की शिक्षा दी जाती है। यह सत्य है कि वर्तमान में अनेक राजनितिक और अतिसाधन सम्पन्न लोगों के विद्यालय इस नगर में है फिर भी सोनीघापा ख० बा० इन्टर कालेज के प्रति जनपद वासियों और अधिकारियों की वर्तमान में जो अच्छी मानसिक्ता सततरूप से अग्रसर होती दृष्टिगोचर है. इससे यही आशा है कि विद्यालय का भविष्य बहुत ही उज्जवल है।
प्रधानाचार्य
श्रीमती मन्जू राय शर्मा
सोनीधापा खण्डेलवाल बालिका इण्टर कालेज, मऊ